Navratri Day 5 Skandmata Pooja : आज नवरात्रि का पांचवा दिन है और नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा आराधना की जाती है | नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी के एक अलग स्वरूप को समर्पित है और पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता स्कंदमाता को मातृत्व और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। इस साल नवरात्रि में मां स्कंदमाता की पूजा 19 अक्टूबर को की जाएगी. मां स्कंदमाता का ध्यान करने से भक्तों को ध्यान, और धार्मिक उन्नति का अनुभव होता है|
Navratri Day 5
Skandmata Ki Pooja Vidhi : पूजा विधि –
- पूजा की तैयारी
पूजा शुरू करने से पहले, स्कंदमाता की तस्वीर या मूर्ति, ताजे फूल, अगरबत्ती, एक घंटी, एक नारियल, मिठाई और एक थाली (प्लेट) सहित आवश्यक सामान इकट्ठा करें। - पूजा प्रक्रिया
संकल्प (इरादा तय करना): स्कंदमाता की मूर्ति या छवि के सामने बैठकर शुरुआत करें। अपनी आंखें बंद करें और पूजा के लिए स्पष्ट इरादा रखें। - प्रार्थना करना – अगरबत्ती जलाएं और उन्हें देवता को अर्पित करें। पवित्र वातावरण बनाने के लिए ऐसा करते समय घंटी बजाएं।
- फूल चढ़ाएं: देवी का नाम जपते हुए और उनका आशीर्वाद लेते हुए उन्हें ताजे फूल चढ़ाएं।
- नारियल और मिठाई अर्पित करें: भक्ति और विनम्रता के प्रतीक के रूप में स्कंदमाता के सामने नारियल और मिठाई रखें।
- मंत्र जाप : स्कंदमाता मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करें। शक्तिशाली मंत्रों में से एक है: “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः” (ओम देवी स्कंदमातायै नमः)।
- आरती: भगवान के सामने जलते हुए दीपक को गोलाकार गति में घुमाकर आरती करें। आरती गीत प्रेम और भक्तिपूर्वक गाएं।
- भोग
स्कंदमाता को केला और दूध विशेष प्रिय है। आप इन्हें पेड़ा, नारियल के लड्डू और खीर जैसी पारंपरिक मिठाइयों के साथ पेश कर सकते हैं।
स्कंदमाता की कृपा
दिव्य माँ की कृपा से, माता-पिता बनने का सुख प्राप्त होता है। माँ स्कंदमाता अपने भक्तों पर पुत्र के समान मातृ प्रेम और स्नेह की वर्षा करती हैं। माँ के स्मरण से ही असंभव संभव हो जाता है। आशीर्वाद से ही मां स्कंदमाता की कृपा से माता-पिता बनने का सुख मिलता है।
स्कंदमाता की आरती Skandmata Ki Aarti
जय तेरी हो स्कंदमाता
पांचवा नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं
हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं
कई नामों से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाड़ों पर हैं डेरा
कई शहरों में तेरा बसेरा
हर मंदिर में तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे
भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इंद्र आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आएं
तुम ही खंडा हाथ उठाएं
दासो को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुजाने आई
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पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या मैं घर पर स्कंदमाता पूजा कर सकता हूँ?
हां, आप घर पर ही स्कंदमाता की पूजा ईमानदारी और श्रद्धा से कर सकते हैं।
2. स्कंदमाता को केले और दूध चढ़ाने का क्या महत्व है?
केले और दूध को उनका पसंदीदा प्रसाद माना जाता है, जो सादगी और हृदय की पवित्रता का प्रतीक है।
3. क्या स्कंदमाता पूजा के लिए कोई विशेष शुभ समय है?
पूजा को नवरात्रि के पांचवें दिन, आदर्शतः दोपहर के समय करने की सलाह दी जाती है।
4. क्या पुरुष भी कर सकते हैं स्कंदमाता की पूजा?
बिल्कुल, स्त्री और पुरुष दोनों ही स्कंदमाता की पूजा कर उनका आशीर्वाद ले सकते हैं। Skandmata
5. स्कंदमाता की कृपा से क्या लाभ होता है?
स्कंदमाता का आशीर्वाद आपके जीवन में साहस, सुरक्षा और ज्ञान लाता है, जिससे आपको अनुग्रह और शक्ति के साथ चुनौतियों से निपटने में मदद मिलती है।
Jai Mata Di – Jai Skandmata – Happy Navratri